1. दरअसल बताया भी नहीं गया उसने सहज बोध से जान लिया । 2. कहानी में यह स्पेस दयानंद ने अपने सहज बोध से अन्वेषित किया है। 3. सहज बोध से प्राप्त ज्ञान का विरोध करती प्रतीत हो सकती है.4. “ब्रिन, सहज बोध से आनुवंशिकी को डेटाबेस और कंप्यूटिंग समस्या के रूप में महत्व देते हैं. 5. जो इस वियोग की चेतना से संपृक्त नहीं हुआ समझो वह श्रृंगारिकता के सहज बोध से ही प्रवंचित रह गया. 6. “ सहज बोध से नोर्मन ने जान लिया ” ऋणात्मक संवेगों से रिनात्मक भौतिक परिस्थितियाँ ही रची गढ़ी जातीं हैं. 7. कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जो सहज बोध से कही जाती हैं उसके लिये अखबार की खबरों का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं होती। 8. पुरा इतिहास पर मेरा ज्ञान शून्य ही है मगर सहज बोध से अचानक ही कुछ काम / बेकाम की लालबुझककडी बातें निकल पड़ती हैं.. 9. हम अपने सहज बोध से जानते हैं कि हिंसा आत्म-रक्षार्थ भी किया जाता है और अपने अधिकार के लिए भी कभी कभी हिंसा होती है. 10. हम अपने सहज बोध से जानते हैं कि हिंसा आत्म-रक्षार्थ भी किया जाता है और अपने अधिकार के लिए भी कभी कभी हिंसा होती है.